पढ़ाई का मजा कहां है?
पढ़ाई का मजा कहां है?
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यह सवाल हर किसी को दिमाग में आता होगा |समय समय पर आप पढ़ने बैठें तो मन निरस्त हो जाता है. जैसे कोई अपना पसंदीदा कार्य कर रहा हो, वैसे ही पढ़ाई में भी रुचि जगाई जा सकती है.
यह बस एक सत्य है.
*पढ़ाई का मज़ा ढूंढने के लिए क्या करें?अध्ययन को रोचक बनाने के उपाय?*
मन भटकाता क्या है? अपशब्द
मन भटकाना कभी-कभी होता है जो हमें सही रास्ते से हटा देती है. यह तनाव, चिंता और अवसादका कारण बन सकता है.
मन भटकाता है जब हम विभिन्न चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं. यह हमारे लक्ष्यों को भूलने का कारण बनता है.
मनभटकाव से बचने के लिए, हमें ध्यान केंद्रित करना चाहिएलक्षित करना चाहिए. यह हमारे विचारों पर नियंत्रण देगा.
उदासी को हराएं, अध्ययन में मन लगाएं
पढ़ाई एक जरूरी कार्य है। लेकिन कई बार यह ऊबने वाली हो जाती है, और हम पढ़ाई में ध्यान भूल जाते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हमें विभिन्न रणनीतियां खोजने की जरूरत है। हम खेल करके पढ़ाई को मनोरंजक बना सकते हैं और कार्यक्रम भी व्यवस्थित रख सकते हैं।
- अध्ययन के बीच में छोटे ब्रेक लें
- पढ़ाई को भागों में बाँटें
- अध्ययन को रोचक बनाएं
इस तरह हम पढ़ाई को सुखद बना सकते हैं और अपने लक्ष्यों तक पहुँच सकते हैं।
पढ़ाई का डर एग्जाम में
हर कोई जानता है कि कक्षा/स्कूल/शिक्षण महत्वपूर्ण/जरूरी/आवश्यक है। लेकिन जब एग्जाम/परीक्षा/परामीक्षणीय का डर/भाव/चिंता छा जाता है, तो पढ़ाई/अध्ययन/शिक्षा कठिन/मुश्किल/कष्टकारी हो जाती है।
यह सामान्य/लोगों में पायी जाने वाली/आमतौर पर देखा गया समस्या/परिस्थिति/दिक्कत है, लेकिन इससे निपटने/इसका समाधान खोजने/उनका सामना करने के लिए कुछ सुझाव/विचार/योजनाएँ हैं। पढ़ाई में मन नहीं लगता? सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि डर/चिंता/भय का हमारे ऊपर कोई प्रभाव/असर/नतीजा नहीं पड़ सकता है, अगर हम खुद को शांत रखने/मन की शांति बनाए रखने/स्थिर रहने पर केंद्रित रखें।
हमेशा| अपने आप से नकारात्मक बातें कहें/नकारात्मक विचारों का पालन करें/डर को बढ़ावा दें
इसके साथ ही/इसके अलावा/पहले से ही, हम ध्यान योग/योगासन/तनावमुक्ति तकनीक कर सकते हैं, जो हमारे दिमाग को शांत/सुखद/संतुलित रखने में मदद करते हैं।
कुछ करें तो मन लगने लगे
पहले जीवन में / जीवन का / जीवन की दिलचस्पी खो जाने से ये महसूस होने लगता है / महसूस होता है / महसूस करता है. जब हम सिर्फ सोचते रहें और काम न करें / कुछ न करें / कार्रवाई न करें, तो मन में एक निराशा / उदासी / ग़लन हुई होती है.
लेकिन/ परंतु/ वैसे भी अगर हम कुछ करना शुरू कर दें / करने की कोशिश करें / प्रयास करें, तो मन फिर से चलने लगेगा / लगने लगेगा / जगाने लगेगा. नए कामों में लगन आती है / रुचि पैदा होती है / दिलचस्पी बढ़ती है और हमें खुद को बढ़ते हुए देखना शुरू होता है/ परिवर्तित होते देखना शुरू होता है / बदलते हुए देखना शुरू होता है.
इसलिए / इसलिए तो / इसीलिए ज़रूरी है कि हम कभी भी अपने आप को हार न मानें / आत्मविश्वास ना खोएं / निराश न हों.
अपनी पढ़ाई में रूचि कैसे बढ़ाएं
कभी-कभी हमारे/मेरे/उसकी दिमाग पर पढ़ाई का बोझ लगता/महसूस होता/पड़ता है। इसके लिए/इसलिए/यहाँ कुछ टिप्स हैं जो आपको अपनी पढ़ाई में रुचि/रूचि बढ़ाने/जीवन भर सीखने की चाहत जगा सकते हैं।
* किताबों/पाठ्यपुस्तकों/डिजिटल संसाधनों को रोमांचक बनाने के लिए, उसे एक कहानी या परियोजना से जोड़ें।
* अपनी/एक/उनकी पसंद की चीजों से जुड़ी विषयों का अध्ययन करें।
* समूहों/क्लबों/दोस्तों में पढ़ाई करने का प्रयास करें और बातचीत करें।
* छोटे-छोटे/धीरे-धीरे/एक समय पर लक्ष्य निर्धारित करें और उनका जश्न मनाएं।
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